पेज

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लॉग से कोई भी पोस्ट कहीं ना लगाई जाये और ना ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जायेये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

शनिवार, 12 दिसंबर 2009

कैसे तुम्हें नमन करूँ

कैसे तुम्हारा वंदन करूँ
कैसे तुम्हारा अभिनन्दन करूँ
किस सूरज की लालिमा से
माथे पर तुम्हारे तिलक करूँ
किस चन्द्रमा की चांदनी से
मन्दिर तेरा आप्लावित करूँ
किन तारों की माला गुन्थूं
किस इन्द्रधनुषी रंग से
श्याम तेरा श्रृंगार करूँ
किस ओंकार के नाद से
ब्रह्माण्ड की गुंजार करूँ
श्याम कैसे तुम्हारा वंदन करूँ मैं
कैसे तुम्हें नमन करूँ





16 टिप्‍पणियां:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

बेहतरीन शब्दों के साथ ...बहुत सुंदर रचना....

बहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना.....

मनोज कुमार ने कहा…

आस्था से भरपूर स्वर इस कविता में मुखरित हुए हैं ।

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर भाव!! नमन!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

श्याम के चरणों में सुंदर प्रार्थना ........

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर!
भक्ति-रस में सराबोर हो गये!

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

bahut sundar!!

संगीता पुरी ने कहा…

सुंदर अभिव्‍यक्ति !!

شہروز ने कहा…

आपके ज़ख्म , आपकी ज़िन्दगी से रूबरू हुआ और अंतत आपके प्रयास को देख कहने का जी हो आया है.अनुभव की प्रचुरता है आपके पास.शब्द भी जीवन से उठकर आते हैं.और लय यथाप्रवाह में है.तेवर में आसक्ति है तो अनुरक्ति भी.विद्रोह से आप बेचैन नहीं होती.सामना करना चाहती हैं.ये अच्छी बात है.
यदि कविता में छंद की बंदिश को अलग कर दें तो और विस्तार मिल जाए आपकी भावनाओं और विचारों को.ये मेरी अदना सी राय है.ग़ालिब उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा शायर है.उसने भी कहा थे की ब्यान के लिए वुसअत चाहिए.

Unknown ने कहा…

vandanaji ...shyam ke shringhar ka vernan ker aapne shringhar bhiu ker diya aur ye bhi jatla diya ki shyam kaa kitna bhi sringhar kero kum hai ...ache sabdo ke sanyojan dwara achi kavita ke liye badhai ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

khoobsurat prarthana....

Arvind Mishra ने कहा…

सहज ही दुविधा यह ! बढियां कविता !

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत सुन्दर पुकार है । बधाई

मीत ने कहा…

इस रचना को मेरा नमन...
मीत

Kavi Kulwant ने कहा…

सुंदर

Dr. Tripat Mehta ने कहा…

koi meri aankhon se pooche to samjhe ki tum mere kya ho..

sach bahut khoob!
aastha ka safer aapko mubarak ho

visit drnaresh.com
virasat.com.au

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

प्रणम्य वंदन।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
--------
पुरूषों के श्रेष्ठता के जींस-शंकाएं और जवाब।
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्‍कार घोषित।